NGO द्वारा शिविर, टीकाकरण, इलाज, दवाई या भोजन वितरण आदि कार्यक्रम के लिए मंजूरी जरुर लें

आपदा या दुर्धटना की स्थिति में एनजीओ अक्सर पीड़ित लोगों की मदद के लिए सामने आते है ओर फौरी तौर पर राहत देने के लिए शिविर लगाते है जिसके तहत भोजन व चिकित्सा सुविधा आदी का प्रबंध करत् है। कई बार यह सहायता शिविर एक दो दिन के लिए होता है तो कुछ परिस्थिति में तो महीनों तक चलता रहता है।

अधर्म के ठेकेदार प्राइवेट अस्पताल

हिंदुस्तान में संगठित अपराध का सबसे बड़ा सेंटर अगर कहीं है तो वो प्राइवेट अस्पताल हैं। सरकारी अस्पताल तो बदइंतजामी और लापरवाही के चरम पर बैठे हैं, उनका रोना रोकर तो देश की जनता बीमार हो गई लेकिन उन्हीं सरकारी अस्पतालों की खस्ताहाली की कब्र पर फलते-फूलते इन अस्पतालों में इलाज के नाम पर धांधली और धतकरम के जितने भी रुप होते हैं,सब होते हैं।