धुमते समय चक्र के साथ परिस्थितियां भी बदल रही हैं, और लोगों में व्यापर करने की इच्छा भी बलवती हो रहीं हैं, ऐसे में दुविधा होती है कि क्या करें, कैसे करें ? तो आईए इस लेख के माध्यम से जानते हैं कि अगरबत्ती का व्यापार कैसे किया जा सकता है। गैर सरकारी संगठन (NGO) भी अपने कार्य क्षेत्र में लोगों को स्वंय या फिर समुह बना कर इस व्यापार को करने के लिए प्रोत्साहित कर उनकी आर्थिक स्थिति में बदलाव लाने में अहम भुमिका निभा सकते हैं ।
हम लोग जानते हैं कि अगरबत्ती का उपयोग ज्यादतर धार्मिक और सामाजिक कार्यों में होता है। दुनियां के कई हिस्सों में रहने वाले भारतीय इसका उपयोग धार्मिक कार्यों के लिए करते हैं, ऐसे में अगरबत्ती की मांग बाजार में हमेशा बनी रहती है । अगरबत्ती को बनाने का कार्य छोटे या बड़े पैमाने पर किया जा सकता है।
अगरबत्ती बनाने का व्यापार शुरू कैसे करें। How to start Agarbatti manufacturing business ।
अन्य व्यापारों के आलोक में देखें तो इस व्यापार में जोखिम कम है क्योकि इस व्यापार में पूंजी का कम निवेश करके भी शुरु किया जा है। कोई भी व्यवसाय को शुरू करने से पहले कुछ योजना बनानी चाहिए, जो कि नीचे दिए जा रहे हैं:
• पहले लागत का निर्धारण अवश्य करें, इसके बाद उन योजनाओं की सूची तैयार कर लें, जो आपके पास उपलब्ध पूंजी के अनुसार हो।
• सम्भावित बाजार के बारे में रिसर्च कर लें, ताकि भविष्य में आने वाली बाधाओं के बारे में आप पहले से योजना बना सकें।
• व्यापार के लिए एक निश्चित स्थान निर्धारित करें और क्रियान्वित करने का समय निर्धारित कर उसे पूरा करने की कोशिश करें।
• संबंधित व्यापार के लिए सामग्री की खरीद, उसकी तय सामग्री के निर्माण और पैकिजिंग आदि को कैसे करना है इसकी योजना भी बना लें।
• सामग्री कहां से मंगानी है और कैसे मंगानी है, उसकी क्या लागत होगी ये भी रिसर्च कर लें।
अगरबत्ती बनाने के लिए कच्ची सामग्रियों कहां मिलेगी (Where raw material for Agrabatti manufacturing is available)
वैसे तो अगरबत्ती बनाने के लिए कच्ची सामग्रियां भारत के बड़ें शहरों में भी आसानी से आपको मिल सकता है लेकिन कुछ जाने माने स्थान हैं जहां पर आपके अच्छी दर में सामग्री मिल सकता है और आपके मुनाफे का मार्जिन बढ़ सकता है, आइए जानते हैं उन स्थानों के…
• दिल्ली में कई ऐसे होलसेल विक्रेता हैं जो इन सामग्रियों को आपके उत्पादन स्थान तक आपुर्ति कर सकते हैं , उनका पता इंटरनेट से प्राप्त कर सकते हैं, लेकिन हमेशा इस बात का ख्याल रखें की रकम पहले ना दें नहीं तो ठगी का शिकार सो सकते हैं। जिससे भी सामग्री लेना हो एक बार उसके उत्पादन फैक्ट्री , कार्यालय आदि का विजिट करें। एडवांस आदि की रकम चेक से एकांउट पेई हीं दें। एक एग्रीमेंट जरुर बनाएं। सप्लायर का जी.एस.टी आदि प्रमाणपत्र लेकर उसकी प्रमाणिकता की जांच कर लें।
• अन्य शहरों में कोलकाता का नाम आता हैं यहां कृष्णा ग्रुप, दुर्गा इंजीनियरिंग, लोकनाथ अगरबत्ती इत्यादि नामक कई कम्पनी इन सामग्रियों को उपलब्ध कराती है।
• अहमदाबाद में एम के पंचाल इंडस्ट्रीज, अमूल अगरबत्ती वर्क्स और शांति एंटरप्राइज जैसी कई कम्पनिया है जो प्रत्येक शहर में इन सामग्रियों को उपलब्ध कराती है.
आप अगर इंटरनेट से रिसर्च करेंगे तो कई कंपनियों के वेबसाइट पर आपको उनका विवरण मिल जाएगा और आप उनसे संपर्क कर सकते हैं। यहां आपकी जानकारी के लिए कुछ लिंक दे रहे हैं जहां से आपको अगरबत्ती बनाने में लगने वाली कच्ची सामग्रियों का सप्लाय करने वालें का पता चल सकता है…
• https://www.tradeindia.com/suppliers/agarbatti-raw-material.html,
• https://dir.indiamart.com/kolkata/agarbatti-raw-material.html,
अगरबत्ती बनाने के लिए कितना स्थान चाहिए और क्या लोकेशन होना चाहिए (How much space and what should be the Location to start Agarbatti manufacturing business )
जहां तक अगरबत्ती बनाने के लिए कितना स्थान चाहिए जैसे कुछ सवाल आपके मन में उठ रहे हैं तो आपको बता दें कि यह इस बात पर निर्भर करेगा की आप किस पैमाने पर व्यवसाय को शुरु करना चाहते हैं। अगर इस व्यवसाय को आप छोटे स्तर पर शुरू करने की सोच रहे है तो आप इसे अपने घर से भी शुरू कर सकते है, लेकिन अगर आप इसे थोड़े बड़े तौर पर करने की सोच रहे है तो आपको लगभग 1000 स्क्वायर फीट तक की जगह की लेनी चाहिए। एक छोटा ऑफिस भी बनाएं। लोकेशन लेकर कोई दुविधा ना रखें बस इतना ध्यान रखना है कि ट्रांसपर्टशन की समस्या ना हों, माल ढोने व सप्लाई में समस्या ना हों। संभव हो तो इसे शहर में ही कहीं शुरु करें ताकि इसके मार्केटिंग में आपको ज्यादा परेशानी उठानी पड़ें।
अगरबत्ती बनाने कितना वाला समय (How much time required for making the Agarbatti)
अगरबत्ती के निर्माण का समय आपके द्वारा इस्तेमाल की गयी मशीन के अनुसार अलग हो सकता है जैसे की अगर आप ऑटोमेटिक मशीन का इस्तेमाल कर रहे है तो आप 1 मिनट में 150 से 200 अगरबत्ती तक का निर्माण कर सकते है. यदि आप हाथों से इसका निर्माण कर रहे है या करा रहे है तो इसमें लगने वाला समय आपके या कर्मचारी के कार्य करने की क्षमता पर निर्भर करता है.
अगरबत्ती व्यवसाय को शुरू करने में कितनी लागत लगती है (How much investment required for starting a Agarbatti manufacturing business)
आप इस व्यवसाय को 15 से 20 हजार रूपये की लागत के साथ शुरू कर सकते है, लेकिन घरेलु तौर हाथों से निर्माण करना होगा दुसरी तरफ अगर आप अगरबत्ती के बिजनेस को मशीन बैठाकर शुरू करने की सोच रहे है तो इसको शुरू करने में लगभग 5-6 लाख रूपये तक की लागत लग सकती है। इसके मैन्युअल मशीन का दाम 15,000 रूपये तक है, सेमी ऑटोमेटिक मशीन का दाम एक लाख रुपये तक है. हाई स्पीड मशीन का दाम लगभग 1 लाख रूपये से अधिक है।
अगरबत्ती को बनाने में लगने वाली कच्ची सामग्री (Raw material for Agarbatti manufacturing business)
- कच्ची सामग्री
- चारकोल डस्ट
- जिगात पाउडर
- सफ़ेद चिप्स पाउडर
- चन्दन पाउडरस
- स्टिक
- परफ्यूम
- डीइपी
- पेपर बॉक्स
- रैपिंग पेपर
- कुप्पम डस्ट
अगरबत्ती को हाथ से बनाने कि प्रक्रिया (Agarbatti manufacturing process)
सामान्यतः दो प्रकार की अगरबत्ती का उत्पादन व्यावसायिक रूप से किया जाता है एक मसाला अगरबत्ती के रूप में दूसरी सुगन्धित अगरबत्ती के रूप में. इसको बनाने के लिए अगरबत्ती प्रीमिक्स पाउडर जोकि चारकोल पाउडर, लकड़ी का पाउडर और जिगात पाउडर का मिश्रण होता है. इसे 2 किलो ग्राम की मात्रा में ले लें. फिर उसमे 1 से डेढ़ लिटर पानी की मात्रा को मिलाकर इसे कड़े रूप में गुथ लें. आप इस गुथे हुए कच्ची सामग्रियों से 2 किलो ग्राम तक अगरबत्ती आसानी से प्राप्त कर सकते है. फिर बांस की पतली स्टिक या छड़ी के ऊपर इसे चिपका दिया जाता है और हाथ से इसको रोल किया जाता है. उसके बाद इसको सुगन्धित तेल में डुबोकर कर सूखाने के बाद इसकी पैकिंग की जाती है.
अगरबत्ती को खुशबूदार बनाने की प्रक्रिया और सावधानी ((Process of making of Agarbatti and Precautions)
खुशबूदार अगरबत्ती बनाने के लिए सुखाने के बाद अगरबत्ती को एक विशेष तरह की सुगंध वाली सामग्री में डुबोया जाता है, बाजार में उपलब्ध डाईथ्य्ल फ्थालाटे जिसको संक्षिप्त में डीइपी कहा जाता है और सुगन्धित परफ्यूम का इस्तेमाल होता है।
इस बात का ध्यान रखें कि अगरबत्ती को कभी भी धुप में नहीं सुखाना है, हमेशा छाया में सुखाये या सुखाने वाली मशीन के माध्यम से इसे सुखायें। सूखने के लिए इसे अलग अलग करके रखे नहीं तो गीली होने की वजह से इनके चिपकने की संभवना बनी रहती है।
व्यवसाय के लिए रजिस्ट्रेशन (business registration)
इस व्यवसाय को आपको बड़े तौर पर शुरू करने से पहले कुछ आवश्यक दस्तावेजी कारवाई कर लेनी चाहिए जैसे कि
• व्यवसाय को पंजीकृत करा लें।
• लाईसेंस के लिए स्थानीय प्राधिकारी के पास आवेदन दें।
• पैन कार्ड लें।
• बैंक अकाउंट खोलें
• व्यापार को एसएसआई यूनिट में पंजीकृत करा लें।
• जीएसटी आदि की जरुरत हो तो उसे भी लें, साथ ही व्यापार के चिन्ह को पंजीकृत करा लें ताकि आपकी कंपनी का ब्रांड नाम सुरक्षित रहे और आगे कोई परेशानी ना हो।
• बड़े स्तर पर विनिर्माण यूनिट के लिए प्रदुषण नियन्त्रण बोर्ड से एनओसी भी लेना होता, और फैक्ट्री का लाईसेंस भी प्राप्त करें।
अगरबत्ती बनाने में काम आने वाली मशीनें
आमतौर पर अगरबत्ती को बनाने वाली मशीन तीन प्रकार की होती हैः मैनुअल, ऑटोमेटिक और हाई स्पीड ऑटोमेटिक मशीन, इसके अलावा कच्चे माल को सूखाने के लिए मशीन, कच्चे माल को मिलाने के लिए मशीनें आती हैं। आईए जानते हैं इन मशिनों के बारे में…
- मैनुअल मशीन
- ऑटोमेटिक मशीन
- हाई स्पीड मशीन
अगरबत्ती को सुखाने के लिए dryer machine
बाजार में कई तरह के मॉडल के साथ अगरबत्ती सुखाने वाली मशीन उपलब्ध हैं, आप कोई मशीन को लगा कर अगरबत्ती को सुखा सकते है, अगर आपका व्यवसाय छोटे स्तर पर है तो अगरबत्ती को पंखे के नीचे भी अगरबत्ती के फैलाकर सुखा सकते है.
अगरबत्ती की पैकिजिंग कैसा हो (Agarbatti packaging)
पैकिगं ग्रहकों को लुभाती हैं इसलिए आप अगरबत्ती की पैकिजिंग का खास ध्यान रखें। अगरबत्ती की पैकिंग को मशीन या हाथ दोनों के माध्यम से की जाती है। मशीन के माध्यम से इसकी पैकिंग स्वतः होती है और प्लास्टिक पाउच में भरने की प्रक्रिया भी।