बच्चों की प्रत्यक्ष देखभाल में
Category: Opinion
अधर्म के ठेकेदार प्राइवेट अस्पताल
हिंदुस्तान में संगठित अपराध का सबसे बड़ा सेंटर अगर कहीं है तो वो प्राइवेट अस्पताल हैं। सरकारी अस्पताल तो बदइंतजामी और लापरवाही के चरम पर बैठे हैं, उनका रोना रोकर तो देश की जनता बीमार हो गई लेकिन उन्हीं सरकारी अस्पतालों की खस्ताहाली की कब्र पर फलते-फूलते इन अस्पतालों में इलाज के नाम पर धांधली और धतकरम के जितने भी रुप होते हैं,सब होते हैं।
कारपोरेट जगत की सामाजिक जिम्मेदारी
कारपोरेट जगत की सामाजिक जिम्मेदारी- मानव संसाधन की गुणवत्ता सुधारने में मदद करना कंपनियों के लिए भी आर्थिक रूप से उपयोगी है, अच्छी गुणवत्ता वाले लोग मिलने से भी भर्ती की लागत कम होने की साथ ही उत्पादकता भी बेहतर होगी।
एफसीआरए/ विदेशी फंडिंग पर रोक राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल संगठनों के मर्म पर प्रहार
पिछले वर्ष इन्हीं दिनों की
बिक रहीं हैं बेटियां बाजार में, मौन क्यों हैं हम ?
महिला दिवस के मौके पर
नई शिक्षा नीति: विकास की कुंजी
(स्वतंत्र टिप्पणीकार मानवेन्द्र सिंह द्वारा
लोकतंत्र अभिशाप क्यों बनता जा रहा है?
लोकतंत्र अभिशाप क्यों बनता जा
सहकारिता के रास्ते पर सरकार के लौट आने के संकेत
: आलोक कुमार योजना आयोग
संबल ना मिले तो विद्वान भी विक्षिप्त हो जाते हैं…. गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह की गाथा
The maths genius who, in the ’60s, streaked a path from Bihar to Berkeley. later slipped into mental illness, leaving behind a thesis, a few letters, some scribbles on the wall, and lesson that if you will not care the genius its loss society .
नक्सल समस्या : चुनौती और राहें !- उदय कुमार
झारखण्ड पूरे भारत में नक्सल