परिवारिक खेती को ग्राम और समाज के दायरे में विस्तृत कर खुद का लाभ नहीं बल्कि समाज और गांव की जरूरतों का चिंतन शामिल कर सकते हैं।
परिवारिक खेती को ग्राम और समाज के दायरे में विस्तृत कर खुद का लाभ नहीं बल्कि समाज और गांव की जरूरतों का चिंतन शामिल कर सकते हैं।