हैदराबाद: सामुदायिक मीडिया के बढ़ते महत्व को ध्यान में रखते हुए इसे एक संगठनात्म स्वरुप देने के लिए हैदराबाद विश्वविद्यालय में 12 जुलाई, 2014 को एक समारोह का आयोजन हुआ। सामुदायिक मीडिया पर दक्षिण एशियाई नेटवर्क के गठन को लेकर आयोजित इस कार्यक्रम में सामुदायिक मीडिया के क्षेत्र से जुड़े देश-विदेश के जाने-माने विशेषज्ञ उपस्थित हुए।
यूनेस्को और एएमएआरसी एशिया-पेसिफ़िक के सहयोग से सामुदायिक मीडिया यूनेस्को के सभापीठ द्वारा आयोजित इस समारोह में सामुदायिक रेडियो फोरम (भारत), सामुदायिक रेडियो एसोसिएशन (भारत), सामुदायिक रेडियो प्रसारक संघ (नेपाल), रेडियो और संचार गैर सरकारी संगठन, बांग्लादेश नेटवर्क (बांग्लादेश), श्रीलंका विकास पत्रकार फोरम (श्रीलंका) आदि संस्थाओं के प्रतिनिधियों के साथ-साथ भारत के सामुदायिक रेडियो स्टेशनों के प्रतिनिधियो ने भी भाग लिया. इस प्रतिनिधि मंडल ने सामुदायिक मीडिया के क्षेत्र में दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय नेटवर्क को मजबूत बनाने पर बल दिया। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए सामुदायिक मीडिया से जुड़े संगठनों और अधिवक्ताओं के एकजुट होकर कार्य करने पर ज़ोर दिया।
हैदराबाद विश्वविद्यालय संचार विभाग में आयोजित इस समारोह में सामुदायिक मीडिया यूनेस्को के सभापीठ प्रो. विनोद पावराला ने इस संदर्भ में बताया – “समुदाय मीडिया के परिदृश्यों से संबंधित अनेक विलक्षण मुद्दे लंबे समय से हैं, जिनके समाधान के लिए हमें संगठित होकर काम करने की ज़रूरत है ”। सामुदायिक मीडिया पर दक्षिण एशियाई नेटवर्क के गठन की ये पहल इस क्षेत्र से जुड़ें लोगों के लिए एक बड़ा प्लेटफार्म होगा। इस नेटवर्क से निश्चित रुप से सामुदायिक मीडिया को और मजबूती मिलेगी।