भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ द्वारा 18वीं वैकुंठ भाई मेहता स्मृति व्याख्यान देते हुए आज सुरेश प्रभाकर प्रभु, माननीय केन्द्रीय रेलवे मंत्री नेकहा कि “भारत विकास मॉडल“ को विकसित करने की जरूरत है जिसमें सहकारिताओं की भूमिका प्रमुख होगी। उन्होंने आगे कहा कि चूँकि सहकारिताओं की पहुंच ग्रामीण इलाकों में ज्यादा है इसलिए सहकारिताएँ एक सशक्त आर्थिक माध्यम है, इस दिशा में वह निजी कंपनियों से आगे है, क्योंकि इन कंपनियों की पकड़ ग्रामीण इलाकों में नही है।
श्री प्रभु ने आगे कहा कि सरकार के “मेक इन इंडिया“ और “डिलीटल इंडिया“ में सहकारिताओं की महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है क्योंकि इनका विस्तृत नेटवर्क चारों तरफ फैला हुआ है। उन्होंने आगे कहा कि देश में हमें पारंम्परिक उद्योगों को विकसित करने की जरूरत है जिसमें चरखा उद्योग मुख्य है। चूंकि स्वयं सहायता समूह सहकारिता के सिद्धांतों पर काम करती हैं, और निजी कम्पनियों की कार्य क्षमता अच्छी है, सहकारिताओं को इन सबके साथ मिलकर काम करना चाहिये। उन्होंनें सहकारिताओं की नेतृत्व क्षमता और मानव संसाधन विकास पर बल दिया।
डॉ. चन्द्ररपाल सिंह यादव, सांसद (राज्य सभा) एवं अध्यक्ष, भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि हमें सहकारिताओं से संबंधित एक संसदीय फोरम बनाने की आवश्यकता है ताकि संसद में सहकारिताओं की समस्याओं और विभिन्न मुददों पर प्रकाश डाला जा सके । उन्होनें हाल में भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा गठित उच्च स्तरीय समिति की सिफारिशों का खंडन किया क्योंकि यें सिफारिशें शहरी साख बैंकों को निजी कम्पनियों में बदलने पर बल दे रही हैं जिससे सहकारी बैंकों का अस्तित्व खत्म हो जायेगा। उन्होंने यह भी कहा कि डायरेक्ट टेैक्स कोड बिल भी सहकारिताओं के लिए हितकारी नहीं है क्योंकि सहकारिताओं को आयकर की परिधि से बाहर रखना चाहिये चूंकि यह संस्थाएं निजी कम्पनियों की तरह केवल लाभ कमाने के लिए ही नहीं हैं।
डा. दिनेश, मुख्य कार्यकारी, भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ ने वैकुठ भाई मेहता की जीवनी के बारे में संक्षिप्त में जानकारी दी और सहकारी शिक्षण और प्रशिक्षण के क्षेत्र में उनके योगदान के बारे में प्रकाश डाला। कार्यक्रम के अंत में डा. बिजेन्द्र सिंह, उपाध्यक्ष, भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया। इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय सहकारी संस्थाओं के प्रबंध निदेशकों/निदेशकों अन्य प्रतिनिधियों तथा अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधियों ने भाग लिया। वैकुठं भाई मेहता की स्मृति में भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ हर वर्ष वैकुठ भाई मेहता व्याख्यानमाला का आयोजन करता है।