हिन्दुस्तान के युवाओं को हुनरमंद बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्किल्ड इंडिया नारे में अब कॉरपोरेट घरानों ने भी सुर मिला दिया है। सीएसआर के तहत कंपनियों के लाभांश के दो फीसदी हिस्से को पेयजल, स्वच्छता, शिक्षा के बजाय युवाओं को हुनरमंद बनाने का काम भी करेगें। इसकी शुरुआत गुलाबी नगरी जयपुर से हुई है। एक एनजीओ के साथ मिलकर महेन्द्रा एंड महेन्द्रा ने अगस्त से व्यावसायिक प्रशिक्षण केन्द्र पर वाहनों की मरम्मत और बेचने का प्रशिक्षण पाठ्यक्रम शुरू किया। ऑटो मोबाइल कंपनी महेन्द्रा एंड महेन्द्रा सफलतापूर्वक प्रशिक्षण लेने वाले युवाओं को अपनी कंपनी में नौकरी भी देगी।
जल्दी ही रिलांयस और टाटा भी ऐसे ही पाठ्यक्रम प्रारंभ करने जा रहे हैं। इनके अलावा कई अन्य कंपनियां भी इस दौड़ में शामिल होने जा रही हैं। उल्लेखनीय है कि कंपनियों को अपने लाभांश का दो फीसदी हिस्सा समाजसेवा में खर्च करना अनिवार्य होता है, कंपनियां प्राय: पेयजल और शिक्षा जैसे कार्यों में यह राशि व्यय करती हैं। लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोकसभा चुनाव से पहले और बाद में दिए गए स्किल्ड इंडिया का नारे से प्रभावित हो कंपनियों ने व्यावसायिक प्रशिक्षण केन्द्र खोलकर युवाओं को हुनरमंद बनाने के लिए ऐसी योजनाओं का संचालन करने का मन बनाया है।