लखनऊ। बिल क्लिंटन की पत्नी हिलेरी क्लिंटन के एनजीओ क्लिंटन फाउंडेशन के फंड से देश भर में चल रहे परियोजनाओं का जायजा लेने को पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति भारत पर दौड़े पर थे। इसी क्रम में वो बीती 17 जुलाई क्लिंटन लखनऊ भी गए थे, लेकिन जब वो लखनऊ पहुंचे तब उन्हें अंदाजा भी नहीं लगा कि उनको इंप्रेस करने के लिए यहां फर्जीवाड़ा किया जा रहा है। दरअसल क्लिंटन लखनऊ के जबरौली गांव के एक स्कूल में गए थे। वहां उन्होंने कुछ छात्रों से बातचीत की। यहां एक छात्र से बातचीत करने के बाद क्लिंटन बेहद प्रभावित हुए और उन्होंने यूपी के एजुकेशन सिस्टम की खूब तारीफ भी की। लेकिन अब जबकि क्लिंटन वापस जा चुके हैं तब पता चला है कि इस घटनाक्रम में एक बहुत बड़ा फर्जीवाड़ा शामिल था।
दरअसल जिस बच्चे से क्लिंटन ने बातचीत की वो बच्चा सरकारी स्कूल का था ही नहीं। वो एक बड़े कॉन्वेंट स्कूल का था और उसे सरकारी स्कूल की यूनिफार्म पहना कर सरकारी स्कूल में बैठा दिया गया था। अब सरकार ने इस मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं। सीएम अखिलेश यादव ने कहा कि मीडिया को धन्यवाद कि उसने ये जानकारी दी। ये गंभीर मामला है। लखनऊ के डीएम राजशेखर ने कहा कि ये मामला जानकारी में आया है और जांच कराई जा रही है।
बिल क्लिंटन की पत्नी हिलेरी क्लिंटन के एनजीओ क्लिंटन फाउंडेशन ने मोहनलालगंज के जबरौली गांव को गोद ले रखा है। इसी सिलसिले में बिल क्लिंटन लखनऊ आए थे। खुद मुख्यमंत्री ने उनका एयरपोर्ट पर स्वागत किया था और उसके बाद दोनों को जबरौली गांव के इस स्कूल में ले जाया गया था। अब जांच में इस फर्जीवाड़े का खुलासा हो रहा है कि किस तरह सरकारी स्कूल के प्रिंसिपल की गुजारिश पर इस बच्चे को कान्वेंट स्कूल से छुट्टी दिलाकर ले जाया गया।
इस फर्जीवाड़े के सामने आने के बाद सरकार की भी फजीहत हो रही है। ये सवाल उठ रहे हैं कि पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति को धोखा देने की आखिर क्या जरूरत थी। बाहरहाल सबको इंतजार है जांच के पूरा होने का ताकि उन लोगों को सजा मिल सके जिन्होंने इस फर्जीवाड़े को अंजाम दिया।
(सभार- IBN7)
More on: #Lucknow #UP #US #President #Bill Clinton #Akhilesh Yadav
clinton visited lucknow for monitoring his ngo work