सहकारी आंदोलन की शान अमूल ने पिछले सभी रिकॉर्ड तोड दिए हैं और चालू वित्त वर्ष में 32 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है। अमूल के जीवन काल की यह सबसे अधिक वृद्धि है। इस विशाल वृद्धि के लिए मुख्य रूप से जिम्मेदार कारक हैं – निर्यात में पर्याप्त प्रवाह और नए बाजारों में पहुंच।
गुजरात सहकारी दूध विपणन संघ के एम.डी. आर.एस.सोढ़ी के अनुसार ब्रांड ने 18 हजार करोड़ रुपये का कारोबार किया था जिससे जीसीएमएमएफ दुनिया की अग्रणी सहकारी समितियों में से एक बन गया। एक अनुमान के मुताबिक अमूल का कारोबार अगले कुछ दिनों में 26 हजार करोड़ रुपये का होने की संभावना है। श्री सोढ़ी ने दवा किया कि जीसीएमएमएफ ने पिछले वित्तीय वर्ष में 140 करोड़ रुपये की तुलना में इस वित्त वर्ष में निर्यात के जरिए 525 करोड़ रुपये का लाभ अर्जित किया है, जो एक बडी रकम है। जीसीएमएमएफ की वार्षिक आय में अमूल का 45 प्रतिशत का योगदान है। जीसीएमएमएफ के प्रबंध निदेशक आर.एस.सोढी ने जानकारी दी कि कंपनी की वार्षिक आम बैठक जल्द ही आनंद में आयोजित की जाएगी जिसमें आय को सार्वजनिक किया जाएगा। (आभार-भारतीय सहकारिता)