दिल्ली : कन्या भ्रूणहत्या (Female foeticide) रोकने के लिए अब एनजीओ जागरूकता शिविर के साथ-साथ स्टिंग ऑपरेशन भी कर सकेंगे. कन्या भ्रूणहत्या रोकने के लिए केंद्र सरकार ने एनजीओ-पीएनडीटी स्कीम को विकेंद्रीकृत कर दिया है. इस स्कीम के तहत अब एनजीओ की कन्या भ्रूणहत्या रोकने के लिए मदद ली जाएगी. कम से कम तीन वर्ष का अनुभव रखने वाली एनजीओ को राज्य सरकार 15 लाख रूपए देगी. इससे वे जागरूकता शिविर, स्टिंग ऑपरेशन आदि कर सकेंगे.
सोनोग्राफी (Sonography) सेंटरों की रिपोर्ट बनाई जाएगी
स्वयंसेवी संगठनों के इस कार्यक्रम को उन जिलों में चलाएगी जहां लिंगानुपात सबसे कम है, जहां बाल लिंगानुपात तेजी से घट रहा है, जिन जिलों में मातृ मृत्युदर अधिक है और जहां सोनोग्राफी मशीनों की संख्या अधिक है. माना जा रहा है की सोनोग्राफी सेंटरों का सर्वे किया जाएगा. इन सोनोग्राफी सेंटरों में कमियों की रिपोर्ट बनाई जाएगी. यह रिपोर्ट केंद्र सरकार को दी जाएगी.
बेटियां रहेंगी अब गर्भ में सुरक्षित
जागरूकता कार्यक्रम के साथ स्टिंग ऑपरेशन आदि से बेटियां अब गर्भ में सुरक्षित रहेंगी, निश्चित रुप से यह सराहनिय कदम है, लेकिन यह इस बात का ध्यान रखना होगा कि स्टिंग ऑपरेशन की आड़ में ब्लेकमेलिंग का धंधा न शुरु हो जाए.